सरकार की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में बड़े स्तर पर रीस्ट्रक्चरिंग की तैयारी, ग्रोथ से ज्यादा मुनाफे पर रहेगा फोकस
PSU general insurance companies news: सरकार के एक्शन प्लान के मुताबिक यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और नेशनल इंश्योरेंस में बड़े बदलाव होंगे.
जनरल इंश्योरेंस के PSU के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी है. (फोटो: पीटीआई)
जनरल इंश्योरेंस के PSU के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी है. (फोटो: पीटीआई)
PSU general insurance companies news: जल्द ही सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में आपको बदलाव देखने को मिल सकता है. अपने रिफॉर्म के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए वित्त मंत्रालय सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में बड़े स्तर पर रीस्ट्रक्चरिंग करने जा रही है. ये नया स्ट्रक्चर अप्रैल 2022 से प्रभावी हो सकता है. जी बिजनेस को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक कंपनियों का 4 लेयर स्ट्रक्चर अब 3 लेयर में बदलेगा. बड़ी संख्या में ऑफिसेज को बंद कर और उनका विलय किया जाएगा. लेकिन सरकार के इस प्लान पर इन कंपनियों की सबसे बड़े संगठन CONFED ने चिंता जाहिर की है.
कर्मचारी संगठन ने विलय और बंद किए जाने वाले कार्यालय की क्षतिपूर्ति के लिए मानदंड बनाने की भी मांग की है. इन कार्यालयों के अधिकारी कैसे प्रभावित होंगे इसे लेकर भी जानकारी मांगी है.
क्या है सरकार का एक्शन प्लान?
सूत्रों के मुताबिक जनरल इंश्योरेंस के PSU के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी है. सरकार के एक्शन प्लान के मुताबिक यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और नेशनल इंश्योरेंस में बड़े बदलाव होंगे. सूत्रों के मुताबिक खर्चों में बड़े स्तर पर कटौती की जाएगी. इन 4 जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में सरकार की करीब 40% हिस्सेदारी है.
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CONFED ने जताई चिंता
कॉन्फेड (National Confederation of General Insurance Officers' Associations) ने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर इसपर चिंता जाहिर की है. वहीं बंद होने वाली ऑफिसेज की प्रकिया पर भी सरकार से सफाई मांगी है. जनरल इंश्योरेंस सेक्टर में करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली सरकारी कंपनियों में सरकार ने पिछले साल 12 हजार करोड़ पूंजी डाली. अब सरकार इन कंपनियों का रीस्ट्रक्चरिंग कर ग्रोथ से ज्यादा मुनाफे पर फोकस करना चाहती है. इसलिए घाटे में रहने वाली और एक इलाके में जुड़ी हुई ऑफिसेज को मर्ज या उसका विलय किया जाएगा. फिजिकल ऑफिसेज की संख्या कम कर डिजिटल के जरिए भी कारोबार बढ़ाया जाएगा.
कर्मचारियों के प्रदर्शन पर रहेगा फोकस
इस प्लान के तहत ब्रांच प्रोडक्टिविटी और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्पलॉयेड (ROCE) पर फोकस होगा यानी कर्मचारियों पर होने वाला खर्च उनके प्रदर्शन से जुड़ा होगा. इसके लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों को मार्केटिंग कारोबार से जोड़ने का प्रस्ताव है, जिसमें उन्हें बिजनेस डेवलपमेंट के लिए इंसेंटिव दिया जाएगा. वित्त मंत्रालय में डीएफएस (Department of Financial Services) सेक्रेटरी को लिखे गए पत्र में CONFED ने एसेट मोनिटाइजेशन पर भी आशंका जताई है और इस्तेमाल नहीं होने वाली संपत्ति को ही बेचने का अनुरोध किया है. साथ ही लंबे समय से लंबित वेतन संशोधन (wage revision) को भी मंजूर करने की अपील की है.
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03:07 PM IST